Monday, August 9, 2010

याद जो कभी तुमको मेरी सताए, लिखना !


बिन हमारे कैसे दिन बिताये , लिखना !!



हमें तो याद हैं हर पल जो तेरे साथ गुजारे  हैं !

तुम्हे हैं याद कितना कितने भुलाये , लिखना!!



फूल तो अब भी तेरे आँगन में खिलते होंगे!

खुशबू जो कभी उनसे मेरी आए तो लिखना!!



क्या अब भी सोचते हो तन्हाइयों   में मेरे बारे में!

क्या नज़र आती हैं अब भी मेरी परछाई लिखना !!


गीत गुनगुनाने की मेरी आदत ठहरी !

याद में मेरी क्या तुने भी कुछ गाये लिखना!!



हम जो थे तो तुम्हे परेशां किया करते थे !

सोचकर बात ऐसी जो दिल रूठ जाए तो लिखना !!




सोचकर एक हरकत अपनी मुझको हसी आती है !

याद करके क्या उसे तुम भी मुस्काए लिखना !!




हर पल हर लम्हा बिताया है तेरी याद में मैंने !

क्या हर लम्हा तुमने भी ऐसे बिताया है, लिखना !!

2 comments:

  1. prem ki pira se bhari is pati ke har akshar ko mahsush kiya ja sakta hai. is jinda alfazo ke liye shukriya mere bhai.............

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