Monday, August 29, 2011

वो आए बज़्म में


वो आए बज़्म में इतना तो मीर ने देखा    
फिर उसके बाद चिरागों में रोशनी न रही
  -मीर

बज़्म यानी सभा। मीर कह रहे हैं कि मैंने बस उन्हें आते हुए देखा और इसके बाद मुझे कुछ होश नहीं।
एक मतलब यह है कि वे जब बज़्म में आए तो उनका चेहरा ऐसे दमक रहा था कि चिरागों की रोशनी
फीकी पड़ गई। मत्ता कहते हैं उस आखरी शेर को जिसमें शायर अपना नाम डाल देता है। मीर का ये मत्ते
का शेर अमर रहने वाला शेर है।
  -शमशेर
मीर तक़ी मीर..

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